सच्ची मोहब्बत ...
यह कहानी अनील की हैं जिसने एक लड़की से बहुत ज्यादा प्यार किया था अनिल 8th क्लास में पढ़ता था तो उसने 8th क्लास की परीक्षा देकर वो अपने ननिहाल गया था ,अनील की और अनील की मोशी की दोनों की बहुत बनती थी अनील अपनी हर बात अपनी मोशी को बताता था अनील ने जब अपनी मोशी की स्कूल की कुछ फ़ोटो देखे तो एक फोटो में उसने एक लड़की को देखा तो अनील ने अपनी मोशी से पूछा की ये कोन हे तो अनील की मोशी ने बताया कि ये मेरी दोस्त हैं, मेरे साथ ही पढ़ती है ,बहुत अच्छी हैं ना तो अनिल ने कहा हां आपकी दोस्त सच्च में बहुत अच्छी हैं ,अनील ने अपनी मोशी से पूछा की आपकी इस दोस्त का नाम क्या है तो अनील की मोशी ने बताया कि इसका नाम सरोज हैं ,अनील की मोशी ने अनील को आख़िरकार कह ही डाला की क्या तुम्हे ये पसंद है तो अनील को थोड़ी हंसी आ गयी और थोड़ी शर्म भी आ गयी ।अनील ने अपने प्यार का पहला कदम उठाया ...
अनील ने अपनी मोशी से कहा कि में आपकी इस दोस्त को देखना चाहता हूँ तो अनील मोशी ने कहा ठीक है ,में अपनी दोस्त को कल दोपहर की छुटटी में घर लेकर आउंगी तब तुम उसे देख लेना दूसरे दिन अनील की मोशी अपनी दोस्त को दोपहर की छुटटी में घर लेकर आई तो अनील उसे छुपके से खिड़की से देख रहा था ,अनील की मोशी ने उसे देख लिया और उसने सोचा शायद अनील सरोज से प्यार करने लगा है तो अनील की मोशी ने घर आकर अनील से बात की के क्या तुम मेरी दोस्त सरोज से प्यार करते हो क्या तो अनील की आँखों में आंसु आ गए और अनील ने कहा कि पता नही यार में उसको देखता हूँ तो मुझे बस मन करता है कि बस उसे देखता रहूँ जैसे उसे अपनी पलकों में छुपा लूँ यार में आपकी दोस्त से प्यार करता हूँ ,में उसे अपने दिल की बात बता नही सकता तो अनील की मोशी ने कहा ।
लेकिन अनील सरोजसे बहुत प्यार करता था अनील सरोज के प्यार ही प्यार करना चाहता था अनील सरोज को कभी heart नही करना चाहता था सरोज को भी यकीन हो गया था कि अनील उससे सच्च में सच्चा प्यार करता है सरोज भी अनील से प्यार करने लगी थी एक फिर से अनील की मोशी ने दोनों की बात कराने की कोसिस की लेकिन दोनों एक दूसरे से बात नही कर पाये।
एक दिन अनील ने अपनी मोशी से कहा कि यार में सरोज से आँखे भी नही मिला पाता हूँ तो फिर में उससे बात केसे करूँगा तो अनील की मोशी ने कहा सरोज से फ़ोन पे बात करने के लिए कहूँ क्या तो अनील ने कहा कि नही यार वो इससे प्रॉबल्म में पड़ सकती है और में नही चाहता हूँ की सरोज मेरी वजह से किसी प्रॉबल्म में पड़े और उसे किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो अनील ने कहा कि में सरोज से सच्चा प्यार करता हूँ उसे कभी दुखी नही करना चाहता हूँ इसलिए में उसके प्यार से ही प्यार करूँगा मैंने उसके जिस्म से नही उससे सच्चा प्यार किया है जो में हमेशा उससे इसी प्रकार करता रहूंगा मेने अपनी जिंदगी सरोज के नाम ही लिखी हैं में सरोज से बहुत प्यार करता हूँ और हमेसा करता रहूंगा भले ही उससे कभी बात कर पाउ या नही कर पाउ लेकिन मेने सरोज से सच्चा प्यार किया।।
अनील की मौसी ने बहुत कोशिश की दोनों को मिलाने की शायद किस्मत को ये मंजुर नही था ....
तुम टेंसन मत लो में अपनी दोस्त से बात करूँगी में सरोज को तुम्हारे बारे में बताउंगी दूसरे दिन अनील की मोशी ने सरोज से अनील के बारे में बताया कि अनील तुमसे बहुत प्यार करता है, वो तुम्हारी हर झलक से प्यार करता है मेने खुद देखा है तुम्हे घर लाने के लिए अनील ने ही मुझसे कहा था वो हर वक़्त तुम्हारे बारे में बातें करता रहता हैं , अनील तुम्हारी बहुत तारीफ करता है वो हर वक़्त तुम्हारे बारे में ही पूछता है कि आपकी दोस्त को क्या पंसद हैं तुम्हारी पसंद नापसंद सभी के बारे में मुझसे पूछता है , तुम्हारे परिवार के बारे में भी पूछता हैं वो तुमसे बहुत प्यार करता है सरोज ने घर जाकर अनील के बारे में सोचा तो सभी बातें सोचने के बाद सरोज के मन के अनील की एक बहुत अच्छी छवि बनी सरोज ने सोचा आजकल ऐसे लड़के कहा मिलते है जो किसी से बिना मतलब इतना प्यार करते हैं ,सरोज ने दूसरे दिन अपनी दोस्त से कहा कि में एक बार अनील से मिलना चाहती हूँ अनील की मोशी को ये बात सुनकर मन ही मन में बड़ी खुशी हुई अनील की मोशी ने सरोज को अपने घर ले जाकर अनील को दिखाया सरोज को अनील अच्छा लगा सरोज ने अपनी दोस्त कहा कि ये मेरी तरफ देख क्यों नही रहा है तो अनील की मोशी ने कहा कि शायद अनील को शर्म आ रही है ।अनिल चाहकर भी सरोज से बात नही कर पाया ....
अनील की मोशी ने अनील को सरोज से बात कराने की बहुत कोशिस की लेकिन अनील सरोज से बात नही कर पाया अनील की हिम्मत नही हुई को वो सरोज से बात कर सके।लेकिन अनील सरोजसे बहुत प्यार करता था अनील सरोज के प्यार ही प्यार करना चाहता था अनील सरोज को कभी heart नही करना चाहता था सरोज को भी यकीन हो गया था कि अनील उससे सच्च में सच्चा प्यार करता है सरोज भी अनील से प्यार करने लगी थी एक फिर से अनील की मोशी ने दोनों की बात कराने की कोसिस की लेकिन दोनों एक दूसरे से बात नही कर पाये।
अनिल ने सरोज के प्यार से ही प्यार कीया ...
लेकिन अनिल सरोज से बहुत प्यार करता था अनील को बहुत ख़ुशी थी की उसे उसकी दिल की बात पता है इस प्रकार अनील सरोज से बात नही कर पाया अनिल सरोज की एक झलक से ही बहुत खुश हो जाता था अनील सरोज के प्यार से प्यार करता था ।।एक दिन अनील ने अपनी मोशी से कहा कि यार में सरोज से आँखे भी नही मिला पाता हूँ तो फिर में उससे बात केसे करूँगा तो अनील की मोशी ने कहा सरोज से फ़ोन पे बात करने के लिए कहूँ क्या तो अनील ने कहा कि नही यार वो इससे प्रॉबल्म में पड़ सकती है और में नही चाहता हूँ की सरोज मेरी वजह से किसी प्रॉबल्म में पड़े और उसे किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो अनील ने कहा कि में सरोज से सच्चा प्यार करता हूँ उसे कभी दुखी नही करना चाहता हूँ इसलिए में उसके प्यार से ही प्यार करूँगा मैंने उसके जिस्म से नही उससे सच्चा प्यार किया है जो में हमेशा उससे इसी प्रकार करता रहूंगा मेने अपनी जिंदगी सरोज के नाम ही लिखी हैं में सरोज से बहुत प्यार करता हूँ और हमेसा करता रहूंगा भले ही उससे कभी बात कर पाउ या नही कर पाउ लेकिन मेने सरोज से सच्चा प्यार किया।।