प्यार में सच्चाई बहुत मायने लगती है ...
दोस्तों अगर जिंदगी में किसी से प्यार करो तो सच्चा करो और इतना करो की अगला सोचने पर मजबूर होकर अपने आप में ढूंढने लग जाये की उसने मुझमे आखिर क्या देखा जो मुझसे बेइंतहा मोहब्बत करता है.......प्यार तभी निभाया सकता हेै जब दोनों तरफ से प्यार सच्चा हो तभी प्यार मजबूत रहता है और दोनों तरफ से निभाया जा सकता है, दोस्तों अगर जिंदगी में किसी से सच्ची मोहब्बत करो तो उसे कभी तकलीफ नहीं देनी चाहिए, अगर प्यार सच्चा हो तो तो जरूर आपको मिलता है दोस्तों प्यार में सच्चाई बहुत जरूरी होती है।
सच्च्चा प्यार हीरा रांझा जैसा
दोस्तों यह कहानी कानपुर की कानपुर में आनंद नाम का एक लड़का रहता था वह एक लड़की से बहुत प्यार करता था आनंद उस लड़की से सच्चा प्यार करता था वह उसे सच्चे मन दिल से चाहता था, आनंद उस लड़की को कभी धोखा नहीं देना चाहता था उस लड़की का नाम पार्वती था पार्वती भी आनंद से बहुत प्यार करती थी दोनों एक दूसरे से सच्चा प्यार करते थे , यह बात आनंद के भाई को पता थी आनंद का भाई भी आनंद का साथ देता था आनंद ने अपने मन में ठान रखा था
कि वह पार्वती से सच्चा प्यार करेगा और हमेशा उसका साथ देगा आनंद पार्वती को कभी भी धोखा नहीं देना चाहता था आनंद ने अपनी जिंदगी पार्वती के साथ बिताने के बारे में सोच रखा था क्योंकि आनंद पार्वती से सच्चा प्यार करता था पार्वती ने भी आनंद के साथ अपनी जिंदगी बिताने के बारे में सोच रखा था दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे एक दिन पार्वती के घर में कोई पार्वती के भाई का दोस्त पार्वती के लिए रिश्ता लेकर आया पार्वती बहुत घबरा गई पार्वती ने सोचा कहीं ऐसा ना हो जाए की भैया उसका रिश्ता पक्का ना कर दे पार्वती के भाई और उसके दोस्त के बीच में कुछ बातें हुई ,पार्वती के भाई ने रिश्ता पक्का नहीं किया पार्वती ने शाम को आनंद को सारी बात बताई आनंद उसकी बातें सुनकर घबरा गया आनंद ने सोचा पार्वती के भैया उसका रिश्ता पक्का ना कर दे आनंद को बड़ी बेचैनी हो रही थी ,आनंद ने सोचा की मुझे पार्वती का साथ कभी नहीं छोड़ना है आनंद पार्वती से सच्ची मोहब्बत करता था! इसलिए आनंद को डर था की वह कई पार्वती को खो ना दे पार्वती भी आनंद बेइंतहा मोहब्बत करती इसलिए पार्वती को भी डर था की वह और आनंद जुदा ना हो जाए दोनों के मन में बड़ी बेचैनी थी ,
और साथ मन में डर भी था कुछ दिनों बाद में आनंद और पार्वती के घरवालों को सब कुछ पता चल गया दोनों के घर वालों ने दोनों को बहुत डांटा लड़की के भाई ने पार्वती को एक चमाट मारी पार्वती को बड़ी परेशानी
आनंद और पार्वती ने अपने प्यार को अमर किया दोनों का प्यार बड़ा ही सच्चा था, इसलिए दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे और ना ही एक दूसरे के बिना जी सकते थे इसलिए दोनों ने अपनी जान दे दी दोनों के घरवालों को बहुत पछतावा हुआ लेकिन उन्होंने इस बात को समझने में बहुत देर कर दी तब तक आनंद और पार्वती इस दुनिया को छोड़ कर जा चुके थे पार्वती और आनंद का प्यार अमर हो गया इस तरह पार्वती और आनंद की प्रेम कहानी पूरी हुई आनंद और पार्वती का प्यार सच्चा था दोनों एक दूसरे को तन मन से चाहते थे इसलिए वह एक दूसरे के बिना जी नहीं सकते थे इसलिए उन्होंने ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे दी दोनों जीकर तो एक दूसरे के साथ नहीं रह पाए लेकिन मरकर हमेशा के लिए दोनों ही एक हो गयेे ....
इसलिए दोस्तों किसी से भी प्यार करो सच्चा करो सच्चा करो आनंद और पार्वती के जैसा।।।।
दोस्तों प्यार विश्वास के बिना नहीं टिकता प्यार में विश्वास का होना बहुत जरूरी होता है प्यार विश्वास पर ही टिका है विश्वास हे तो ही प्यार सच्चा कहलाता है।।।
आनंद और पार्वती का घरवालो के प्रति प्यार ...
पार्वती ने ने सोचा कि वह आनंद के साथ भाग जायेगी पार्वती ने आनंद को को सारी बात बताई आनंद ने पार्वती को समझाया कि यह सब गलत है इससे हमारे घरवालों की क्या इज्जत रह जाएगी ,आनंद ने पार्वती को समझाया कि अगर हम भाग जाएंगे तो पीछे हमारे घर वालों को समाज वाले ताने मारेंगे हम एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन अपने घरवालों से भी तो बहुत प्यार करते हैं ना तुम भी अपने माता-पिता से प्यार करती हो ना हमें कोई और ही कदम उठाना होगा , हमेें कुछ अलग सोचना होगा मैं अपने प्यार को इतना की आगे ले जाना चाहता हूं की दुनिया में याद रखा जाइएगा जैसे हीरा रांझा का प्यार आज भी याद रखा जाता है मेरे प्यार की भी एक मिसाल होनी चाहिए । हम दोनों का प्यार सच्चा है हमें कोई जुदा नहीं कर सकता है , हम दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं हमारेे घरवाले इस बात को कभी नहीं मानेंगे लेकिन हमें कुछ तो करना ही होगा हम दोनों का प्यार सच्चा है आनंद और पार्वती ने सोचा कि हम दोनों ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे देंगे दो-तीन दिन में पार्वती और आनंद अपने घर से निकल गए पार्वती और आनंद गांव से बाहर निकले ही थे की उनके घर वालों को पता चल गया पार्वती के घरवाले और आनंद के घरवाले दोनों ने उनको ढूंढना शुरू किया पार्वती और आनंद गांव से बाहर जाकर रेल की पटरी के सामने जाकर खड़े़े़े हो गए ।।सामने ट्रेन आ रही थी दोनों के घर वालो नेे देखा कि वह ट्रेन के सामने खड़े है और ट्रेन तेज गति से आ रही थी पार्वती और आनंद ने एक दूसरे का हाथ कसकर पकड़ा हुआ था दोनों ने अपनी आंखों से आंखें मिला रखी थी पार्वती और आनंद के घरवाले जब तक पहुंचे तब तक ट्रेन पार्वती और आनंद की जान ले चुकी थी।आनंद और पार्वती ने अपने प्यार को अमर किया दोनों का प्यार बड़ा ही सच्चा था, इसलिए दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे और ना ही एक दूसरे के बिना जी सकते थे इसलिए दोनों ने अपनी जान दे दी दोनों के घरवालों को बहुत पछतावा हुआ लेकिन उन्होंने इस बात को समझने में बहुत देर कर दी तब तक आनंद और पार्वती इस दुनिया को छोड़ कर जा चुके थे पार्वती और आनंद का प्यार अमर हो गया इस तरह पार्वती और आनंद की प्रेम कहानी पूरी हुई आनंद और पार्वती का प्यार सच्चा था दोनों एक दूसरे को तन मन से चाहते थे इसलिए वह एक दूसरे के बिना जी नहीं सकते थे इसलिए उन्होंने ट्रेन के नीचे आकर अपनी जान दे दी दोनों जीकर तो एक दूसरे के साथ नहीं रह पाए लेकिन मरकर हमेशा के लिए दोनों ही एक हो गयेे ....
किसी से भी प्यार करो तो सच्चा करो ...
इसलिए दोस्तों किसी से भी प्यार करो सच्चा करो सच्चा करो आनंद और पार्वती के जैसा।।।।
दोस्तों प्यार विश्वास के बिना नहीं टिकता प्यार में विश्वास का होना बहुत जरूरी होता है प्यार विश्वास पर ही टिका है विश्वास हे तो ही प्यार सच्चा कहलाता है।।।